Wednesday, December 26, 2018

अर्श से फर्श पर आई जमींदारा पार्टी

श्रीगंगानगर. कहते हैं जो जिस गति से ऊपर उठता है उससे कहीं ज्यादा गति से नीचे भी गिर जाता है। कुछ ऐसा ही हश्र जमींदारा पार्टी का हुआ। मेडिकल कॉलेज सहित कई लोकलुभावन वादों के दम पर इस पार्टी ने 2013 के चुनाव में दमदार प्रदर्शन कर सबको चौंका दिया था। पार्टी ने श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ की सभी 11 सीटों पर अपने प्रत्याशी खड़े किए और दो जगह श्रीगंगानगर व रायसिंहनगर में जीत भी दर्ज की। अनूपगढ़ में वह दूसरे स्थान रही। सादुलशहर, श्रीकरणपुर व सूरतगढ़ में जमींदारा पार्टी के प्रत्याशियों ने अच्छे खासे वोट लेकर अपनी शक्ति का एहसास करवाया। पड़ोसी जिले हनुमानगढ़ में भी जमींदारा पार्टी ने संगरिया व पीलीबंगा में अच्छा प्रदर्शन किया। मात्र पांच साल में यह पार्टी मतदाताओं की नजर से उतर गई। इतना ही नहीं पार्टी को श्रीगंगानगर व हनुमानगढ़ जिले में प्रत्याशी ही नहीं मिले। इससे भी शर्मनाक स्थिति तो पार्टी के दोनों विधायकों की हुई। रायसिंहनगर विधानसभा में पिछले चुनाव में जमींदारा की सोनादेवी ने 65 हजार 782 मत लेकर जीत दर्ज की लेकिन सोना देवी ने कार्यकाल के अंतिम समय में जमींदारा पार्टी छोडकऱ कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण कर ली। पार्टी ने इस बार यहां राजेश सिकरवाल को प्रत्याशी बनाया लेकिन वे केवल 1036 मत प्राप्त कर सके। हालत यह थी कि उनको नोटा से भी कम मत मिले। कुछ ऐसा ही हश्र जमींदारा पार्टी की टिकट पर श्रीगंगानगर विधानसभा से 77,860 मत प्राप्त कर बड़ी जीत दर्ज करने वाली कामिनी जिंदल का हुआ। कामिनी प्रदेश में सबसे युवा व सबसे अधिक चल-अचल संपत्ति के मामले में चर्चा में रहीं। कामिनी ने इस चुनाव में भी भाग्य आजमाया लेकिन उनका जादू नहीं चला। उनको महज 4887 मत ही मिले। वे छठे स्थान पर रहीं।
जमींदारा पार्टी का प्रदर्शन
विधानसभा 2013 में प्राप्त मत 2018 में प्राप्त मत
श्रीगंगानगर 77860 4887
रायसिंहनगर 65782 1036
श्रीकरणपुर 18275 इस बार प्रत्याशी नहीं
अनूपगढ़ 39999 इस बार प्रत्याशी नहीं
सादुलशहर 28022 इस बार प्रत्याशी नहीं
सूरतगढ़ 18275 इस बार प्रत्याशी नहीं
हनुमानगढ़ 8132 इस बार प्रत्याशी नहीं
संगरिया 18067 इस बार प्रत्याशी नहीं
नोहर 2463 इस बार प्रत्याशी नहीं
पीलीबंगा 22850 इस बार प्रत्याशी नहीं
भादरा 904 इस बार प्रत्याशी नहीं
इनका कहना है
- प्रदेश में पार्टी ने आठ प्रत्याशी उतारे थे। सभी जगह पार्टी की विचारधारा के प्रत्याशी नहीं मिले थे। दोनों बड़े दलों के नेता नहीं चाहते थे कि थर्ड फ्रंट तैयार हो जाए। इसलिए मेडिकल कॉलेज व ग्वार के भाव आदि को लेकर लोगों में अफवाह फैला दी थी, जिससे पार्टी को इस हार का सामना करना पड़ा है।
उदयलपाल झाझडिय़ा, प्रदेशाध्यक्ष जमींदारा पार्टी श्रीगंगानगर
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राजस्थान पत्रिका श्रीगंगानगर संस्करण में 13 दिसंबर 18 के अंक में प्रकाशित....

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