Friday, August 31, 2018

अंदरखाने

लघुकथा
एक सामाजिक सम्मेलन में मंचासीन अतिथि एक दूसरे के हाथों में हाथ डालते हुए खडे़ हुए और हाथों को लहराते हुए संकल्प लिया। सभी ने एक स्वर में कहा हम समाज में जागरुकता लाएंगे। सामाजिक कुरातियों को दूर रहेंगे। दहेज प्रथा आज की सबसे बड़ी ज्वलंत समस्या है। अतिथियों ने दहेज न लेने व न देने के संकल्प उपस्थित लोगों से भी करवाया । सम्मेलन के बाद सभी अतिथि जब मंच से नीचे उतरने लगे तो भीड़ में शामिल एक शख्स उम्मीद भरी नजरों से मुख्य अतिथि से मुखाबित हुआ। हाथ जोड़ कर बोला हुकुम, मेरी बिटिया के लिए आपके लड़के का हाथ मांगता हूं। मेरा सामथ्र्य इतना ही नहीं कि मैं दहेज में मोटा सामान दे सकूं। आज आपने मंच से संकल्प दिलाया तो मुझे आपसे बेहतर कोई नजर नहीं आया। मुख्य अतिथि ने आंखें तरेरी और शख्स का हाथ पकड़कर एक तरफ ले जाकर कान में फुसफुसाए। मंच की बात पर मंच पर आ गई हो गई। अंदरखाने सब चलता है। आई बात समझ में.. हाथ जोड़े खड़ा वह शख्स जवाब सुनकर बिलकुल अवाक था।

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