Thursday, July 26, 2018

यह स्थायी समाधान नहीं

टिप्पणी 
शहर की लाइलाज बीमारी बनती जा रही पार्र्किंग समस्या से निबटने के लिए यातायात पुलिस ने एक रिपोर्ट तैयार की है। बताया जा रहा है कि यातायात सलाहकार समिति की बैठक में यह मामला उठने के बाद यातायात पुलिस ने यह रिपोर्ट बनाकर प्रशासन को सौंपी है। इसमें दो स्थान पार्र्किंग के लिए चिन्हित किए जाने का उल्लेख भी है। यह स्थान बल्लूराम गोदारा राजकीय गल्र्स कॉलेज के पास ढलवां फुटपाथ तथा जेल के पीछे सड़क के किनारे की जगह को पार्र्किंग के उपयोग किए जाने की बात कही गई है। खास बात यह है कि इन दोनों ही स्थानों पर वाहन पार्र्किंग हो रही है। यह जगह भी नाममात्र की है और यहां सौ वाहन भी खड़े नहीं हो सकते हैं। खैर, खुशी इस बात की जताई जा सकती है कि बिना हेलमेट चालान काटने में व्यस्त यातायात पुलिस को बदहाल व बेपटरी यातायात की याद तो आई, लेकिन दो स्थान चिन्हित करना न तो समस्या का स्थायी समाधान है और न ही इनसे किसी तरह की राहत मिलने वाली है। यह एक तरह से ऊंट के मुंह में जीरे के समान भी नहीं है। दरअसल, जिला मुख्यालय पर समस्याओं की फेहरिस्त लंबी है, लेकिन पार्किंग समस्या है ऐसी है, जिससे कमोबेश हर आदमी रोजाना रूबरू होता है।
दरअसल, शहर में पार्र्किंग की समस्या को लेकर हर बार चर्चा होती है, प्रस्ताव बनते हैं, लेकिन समस्या जस की तस है। समस्या की मूल जड़ सभी विभागों का आपस में तालमेल न होना भी है। पब्लिक पार्क को अंडरग्राउंड पार्र्किंग के लिए चिन्हित किया गया। प्रस्ताव भी बना, लेकिन सब ठंडे बस्ते में चला गया। मटका चौक के पीछे सिविल लाइंस के जर्जर आवासों की जगह भी पार्र्किंग बनाने का प्रस्ताव तैयार हुआ, लेकिन वह भी सिरे नहीं चढ़ा। इसके अलावा पुराने सीएमएचओ आफिस में पार्र्किंग की बात चली, लेकिन वहां विभाग ने अपना भवन बना दिया तो बात आई गई हो गई। इससे जाहिर है होता है कि इस समस्या को लेकर कभी गंभीरता से प्रयास हुए ही नहीं। यातायात पुलिस ने भी जो दो स्थान चिन्हित किए हैं तो तय मानिए उसमें उसका ही हित ज्यादा नजर आता है। कल को वह इन दो स्थानों को आधार बनाकर सड़क या बाजार में खड़े वाहनों को जब्त करे तो कोई बड़ी बात नहीं है। वैसे गोल बाजार में तो ऐसा लंबे समय से हो भी रहा है। श्रीगंगानगर में ऐसा काम भी हो रहा है कि सड़क पर पार्र्किंग कर उसके नाम पर वसूली भी जा रही है। कलक्ट्रेट के पास सड़क तथा पब्लिक पार्क के आगे सड़क पर ही पार्र्किंग होती है और बाकायदा उसका ठेका होता है।
बहरहाल, जिम्मेदारों को पार्र्किंग समस्या का स्थायी समाधान खोजना चाहिए। केवल राजस्व वसूली या वाहन जब्त करना समस्या का समाधान नहीं है। जब शहर में जगह ही नहीं है तो वाहन कहां खड़े होंगे? श्रीगंगानगर संभवत: इकलौता शहर होगा जहां कमोबेश हर वाहन ही सड़क पर खड़ा होता है। वाहनों की संख्या दिनों-दिन बढ़ रही है और जगह लगातार सिकुड़ती जा रही है, इसलिए जरूरी हो जाता है कि अब इस समस्या का ठोस व स्थायी समाधान हो।

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 राजस्थान पत्रिका के श्रीगंगानगर संस्करण में 01 जुलाई 18 के अंक में प्रकाशित 

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