Saturday, June 30, 2018

दोहे-3


1..
गरमी फोडा घाले
पोळी में है खाट
बिजळी तो बेवफा
बादळ थारी बाट
2.
बिन बरखा बिन बादळी
क्यां रा दिन और रात
सुबह शाम हूं जोवतो
ओ बादळ थारी बाट
3.
छोड़ गए सब संगी साथी
कहां रहे अब वो ठाट
तू साथीड़ो जन्मा को
जोऊं बादळ थारी बाट
4.
बादळ थारी बाट जोवतां
आंखड़ली पथराई है।
भाव मना तू खा बावळा
जान कठां मं आई है।
5.
बिजली चमकै जोर की
खूब करै गरडा़ट
प्यासी मरुधर देखती
बादळ थारी बाट
6.
प्रीत करी बादळ सूं
बादळ सूं ही ठाट
मिलन रै बहाने देखूं
बादळ थारी बाट
7.
प्रीत म्हारी बादळी
बिजळी रो साथ
हेत निभाणै र मिस
बादळ थारी बाट
8.
कित बरसेगा रामजी
कित करेगा ठाट
नजरां रोज ई देखती
बादळ थारी बाट

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