Saturday, June 30, 2018

गुरुद्वारों में लंगर के साथ बूटा प्रसाद!

श्रीगंगानगर. वैसे तो पर्यावरण बचाने के लिए कई स्तर पर पहल हुई हैं। कुछ सफल भी तो कुछ बीच राह में दम तोड़ गई लेकिन एक अंतरराष्ट्रीय संस्था का काम पर्यावरण प्रेमियों को अच्छा खासा प्रभावित कर रहा है। यह संस्था है इको सिक्ख ऑर्गनाइजेशन, जो पर्यावरण संरक्षण के लिए न केवल भारत बल्कि विदेशों में भी काम कर रही है। इसी संस्था के प्रयासों से अब गुरुद्वारों में लंगर बरताने के साथ बूटा प्रसाद मतलब पौध वितरण का काम भी होने लगा है। श्रीगंगानगर में इस तरह का काम जल्द दिखाई देगा। इतना ही नहीं, गुरुद्वारों में स्टील के बर्तनों के उपयोग पर भी जोर दिया जाने लगा है। पर्यावरण प्रदूषण के बढ़ते खतरे को जानते हुए अब डिस्पोजल व प्लास्टिक से बनी चीजों व पॉलिथीन को अलविदा कहा जा रहा है। इस संस्था की शुरूआत एक प्रवासी भारतीय डॉ. राजवंतसिंह ने की। वर्तमान में इस संस्था की देश-विदेश में कई शाखाएं काम 
कर रही हैं।
गुरुद्वारों में पॉलीथिन बैन
इस संगठन के श्रीगंगानगर से जुड़े सदस्य जसवंत सिंह ने बताया कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के साथ ईको सिक्स ऑर्गनाइजेशन के पदाधिकारियों ने लगातार बैठकें कीं। इसका नतीजा यह निकला है कि पंजाब के अधिकतर गुरुद्वारों में पॉलिथीन बैन हो चुकी है। फिलहाल यह संस्था दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के संपर्क में है, जिसका सपना है रजिस्ट्रड गुरुद्वारों को सौलर ऊर्जा से जोडऩा। अमरीका व ब्रिेटन आदि जगह गुरुद्वारों को सौलर ऊर्जा से जोड़ा जा चुका है। संस्था ऊर्जा बचत के लिए एलईडी बल्ब लगाने पर भी जोर देती है।
पर्यावरण संरक्षण एक सूत्री ध्येय
ईको सिक्ख ऑर्गेनाइजेशन का एक सूत्री ध्येय पर्यावरण संरक्षण है। इसी के तहत रद्दी कागज से पेंसिंल बनाना ताकि पेड़ कम कटें। आर्गेनिक खेती को बढ़ावा। पेस्टीसाइडस का इस्तेमाल बिलकुल नहीं करने, पॉलिथीन की जगह वैकल्पिक बैग तथा नहरों में गंदे पानी के लिए पंजाब प्रदूषण बोर्ड से लगातार बैठकें करना शामिल हैं। इस संस्था की भारत में पंजाब, दिल्ली, हरियाण, गुजरात, मुंबई व चैन्नई आदि जगह शाखाएं हैं। राजस्थान के जयपुर तथा श्रीगंगानगर में भी यह संस्था काम कर रही है। किसी के जन्म या मृत्यु पर संस्था के स्वयंसेवक संबंधित परिवार से पौधरोपण करने तथा उसकी देखभाल करने का भरोसा भी लेते हैं।
श्रीगंगानगर संस्करण में 17 जून 18 के अंक में प्रमुखता से प्रकाशित

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