Saturday, June 30, 2018

अम्मा

हुई कृशकाय बुजुर्ग फिर भी
कितना लाड लडाती अम्मा
रही याद न अतीत की बातें
नाम मेरा ना भूली अम्मा
मेरा हाल रोज ही पूछती
अपना कुछ न बताती अम्मा
मुझे हंसाने को वो हंसती
अपना दर्द छिपाती अम्मा
मिलता है जन्नत सा सुख यारो
सिर पर हाथ जब फेरती अम्मा......

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