Wednesday, May 20, 2015

चीकू का अंदाज

 बस यूं ही

दरअसल, यह फोटो फेसबुक पर अपलोड करने से मैं डर रहा था। जेहन में कई तरह के ख्यालात थे। और साथ में वो ही सबसे बड़ा रोग... क्या कहेंगे लोग..वाला जुमला भी। खैर, जिद के आगे मैंने आत्मसमर्पण कर ही दिया। बाल हठ जो ठहरी। चूंकि छोटा बेटा एकलव्य (चीकू) बचपन से ही ड्रामेबाज है। अभी वह साढ़े सात साल का हुआ है लेकिन अपने अभिनय से कई बार चौंका देता है। टीवी व फिल्मी कलाकारों को देखकर उनके जैसा बनने और उनकी स्टाइल कॉपी करने में उसकी खासी दिलचस्पी है। अभी कक्षा दो का छात्र है, लेकिन वह सांस्कृतिक गतिविधियों में हमेशा भाग लेता है। गायक हनीसिंह के लगभग गीत तो उसको कंठस्थ है। चीकू कम्प्यूटर पर हनीसिंह के अपने पसंदीदा गीत लगाकर डांस भी खूब करता है। आजकल तो वैसे भी बेहद खुश है। अपनी कक्षा का मॉनिटर जो बना हुआ है। अब बात पीके की। दो दिन के लिए मैं गांव गया था। बच्चे अपनी मम्मी के साथ बीकानेर में ही थे। रविवार को दोपहर बाद जब घर लौटा तो बड़ा बेटा योगराज अपनी मम्मी का मोबाइल लेकर आया बोला पापा देखो चीकू की फोटो। मैं फोटो देखकर मुस्कुरा उठा। बिलकुल आमिर खान वाले अंदाज में चीकू पीके बना हुआ था। निर्मल (धर्मपत्नी) ने बताया कि दोपहर को पता नहीं अचानक उसके क्या जची और दादोसा के पास जाकर रेडियो मांगने लगा। दादोसा का चीकू पर स्नेह कुछ ज्यादा ही है, उन्होंने बैग से रेडियो निकाल कर उसे दे दिया। उसके बाद दोनों बच्चों ने मिलकर यह फोटो खींच लिए।
खैर, मैं घटनाक्रम से अवगत होता तब तक चीकू भी पास आ गया कहने लगा पापा मेरी फोटो फेसबुक पर लगा दो। मम्मी के फोन से फेसबुक पर नहीं जाएगी। आप दुबारा खींचो अपने मोबाइल से और फेसबुक पर लगाओ।
मैंने एक दो बार तो मना कर दिया, लेकिन वह नहीं माना। आखिर बाल हठ के आगे झुकना पड़ा। फोटो खींचे तो दौड़कर आया और कहने लगा पहले मेरे को दिखाओ। इसके बाद उसने चार-पांच जगह वाटस एप पर फोटो भेज दिए। भानजे प्रदीप ने फोटो के साथ कुछ कलाकारी कर दी। उसने पीके लिख दिया और कुछ सीन जोड़ दिए। इसके बाद तो फोटो को फेसबुक पर लगाने की जिद जोर पकड़ गई। अंतत: फोटो फेसबुक पर रिलीज किया जब जाकर चीकू ने मेरा पीछा छोड़ा।

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