Wednesday, May 20, 2015

यह चिंता ही तो आपका स्नेह है...


बस यूं ही
आपको क्या हो गया... सब ठीक तो है.. भाईसाहब आपको यह सब करने की जरूरत नहीं है... यह सब करना जरूरी है, आपने ठीक किया...। आपका तो ठीक है, दूसरों का बढ़ गया.. और भी न जाने कितनी ही तरह की प्रतिक्रियाएं। मैं उस फोटो की बात कर रहा हूं, जिसमें मैं अपने ब्लड प्रेशर की जांच करवा रहा हूं और आप सब ने उसको देखकर पता नहीं क्या-क्या कल्पनाएं कर ली।
दरअसल, अगस्त के आखिरी सप्ताह में राजस्थान पत्रिका बीकानेर के स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में लगाए गए चिकित्सा शिविर की बात कर रहा हूं। इसमें ब्लड प्रेशर एवं शुगर की जांच भी गई थी। शाखा प्रभारी के साथ शिविर का अवलोकन करने मैं भी गया था। इसी दौरान हमारे शाखा प्रभारी ने बीपी एवं शुगर की जांच करवाई तो सहयोगियों ने मेरे से भी निवेदन किया कि मैं भी यह सब करवा लूं। जब ब्लड प्रेशर चैक करवाने लगा तो फोटोग्राफर ने दो तीन-फोटो खींच लिए..। फोटोग्राफर को देखकर बीपी जांचने वाला, जिसको यह पता नहीं था कि मैं कौन हूं, कहने लगा.. भाईसाहब फोटो तो बार-बार खींच रहे हैं लेकिन लगाएंगे या नहीं यह तय नहीं है। मैं उसकी बात सुनकर हंसने लगा। उससे परिचय पूछा तो बोला भाईसाहब मैं मनोज भादू हूं और सूडसर का रहने वाला हूं। मैं मंद-मंद मुस्कुराता रहा कुछ नहीं बोला। इसके बाद शुगर की जांच करवाई। हकीकत तो यह है कि अपने को पता ही नहीं है रक्तचाप कितना होता है तो सही होता है और कितना गड़बड़। यही हाल शुगर का था। मेरे को बताया गया कि ब्लड प्रेशर 80 से 130 है और शुगर 91 है। साथियों ने बताया कि आप एकदम फीट हो।
खैर, मैं आप सबके स्नेह से अभिभूत हूं। मैं खुद को गौरवान्वित महसूस करता हूं जब शुभचिंतकों के इतने बड़े समूह को चिंता करते हुए देखता हूं। दरअसल, यह सब आप लोगों का साथ, सहयोग, स्नेह और बड़े-बुजुर्गों व ऊपर वाले का आशीर्वाद है कि पिछले 14-15 साल से प्रकृति के विपरीत काम करने के बाद भी पूर्णतया स्वस्थ हूं। वैसे कई साथी तो मेरे स्वास्थ्य के प्रति इतने आश्वस्त थे कि उन्होने दावा तक कर दिया. कि आपको यह सब करने की जरूरत ही नहीं है। आप बीमार तो हो ही नहीं सकते। बिलकुल आप सब की दुआएं साथ हैं तो सब ठीक है। ऑल इज वेल। शुक्रिया सभी का..।

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