Friday, December 25, 2015

पुरस्कार मिला

दरअसल, दोपहर बाद करीब पौने चार बजे जब ऑफिस आया था उस वक्त पता नहीं था आज कोई मैच भी है। वह तो प्रसार विभाग के साथी चंद्रशेखर तिवाड़ी ने आने के बाद बताया कि राजस्थान पत्रिका स्थापना दिवस के उपलक्ष्य में आज हॉकर्स यूनियन एवं विज्ञापन एजेंसी व प्रबंधन की टीमों के बीच क्रिकेट मैत्री मैच प्रस्तावित है। आपका आना अति जरूरी है। कुछ जरूरी काम निबटाने के बाद मैं सार्दुल स्पोट्र्स स्कूल पहुंचा। मैच शुरू हो चुका था। हॉकर्स यूनियन की टीम बल्लेबाजी जबकि विज्ञापन एजेंसी व प्रबंधन की टीम क्षेत्ररक्षण कर रही थी। थोड़ी देर दर्शक दीर्घा में बैठा। अचानक कुछ हॉकर्स साथियों ने बड़ी जिद की कि आपको तो हमारे साथ खेलना ही पड़ेगा। आखिरकार उनके आग्रह को स्वीकार करते हुए मैदान में उतरा। जिस टीम में शामिल किया गया वह क्षेत्ररक्षण में जुटी थी। लिहाजा मैं भी अपने पसंदीदा स्थान फारवर्ड शार्ट लेग पर जाकर तैनात हो गया। तीन ओवर गेंदबाजी भी की। विकेट एक ही मिला लेकिन सबसे किफायती रही लेकिन बाकी गेंदबाजों ने हाथ खोल कर रन दिए। एक-एक ओवर में तीस-तीस रन तक लुटा दिए। गेंदबाजी के बाद में कुछ वक्त विकेटों की पीछे कीपर की भूमिका भी निभाई। मैच की जब एक पारी पूरी हुई तो हॉकर्स यूनियन का स्कोर सोलह ओवर में डेढ़ सौ के पार था। उम्मीद थी कि जीत जाएंगे लेकिन हॉकर्स यूनियन के प्रतिदिन खेलने वाले युवाओं ने शानदार गेंदबाजी की। जिसके चलते हमारी टीम के बल्लेबाज कुछ खास कमाल नहीं कर सके। लगभग पूरी टीम आया राम गयाराम की तर्ज पर वापस लौट गई। हमारी टीम 16 ओवर में मात्र 70 रन ही बना पाई। इसमें 36 रनों का योगदान मेरा भी था। काफी दिनों के बाद खेलने से बदन थकान से दोहरा हो गया था। पुरस्कार चूंकि विजेता और उपविजेता दोनों को मिले थे लिहाजा अपुन का नंबर भी आ गया। शाखा प्रबंधक श्री राकेश जी गांधी एवं सार्दुल स्पोट्र्स स्कूल के खेल प्रभारी श्री रणजीताराम जी बिश्नोई के हाथों पुरस्कार भी मिला।

No comments:

Post a Comment