Thursday, November 16, 2017

पटाखों से ज्यादा प्रतिक्रियाओं का शोर-5


बस यूं ही
इस तरह के उदाहरण बहुत हैं, जो कथनी और करनी के भेद को उजागर करते हैं। भेड़चाल का हिस्सा बनकर विवेक का इस्तेमाल किए बिना सिर्फ हां में हां मिलाना अपनी शान समझने वाले क्या यह बताएंगे कि पटाखे बजाकर किसी का चैन छीन लेना धर्म है? पटाखे फोडऩे की प्रतिस्पर्धा करना ही धर्म है? देर रात तक पटाखे फोड़कर किसी की नींद में खलल डालना ही धर्म है? अपने रुतबे के प्रदर्शन के लिए पर्यावरण को दूषित कर देना ही धर्म है? पटाखों के शोर से किसी दिल के रोगी की धड़कनें बढ़ा देना ही धर्म है? ऊंची व कर्कश आवाज वाले पटाखे चलाना ही धर्म है? अगर यह सब करना धर्म हैं तो फिर बेखौफ होकर पटाखे फोडि़ए। क्योंकि कोई आपको रोकने नहीं आएगा। जी भर कर फोडि़ए, आप की जेब जितनी गवाही दे उतने फोडिए। जमीन पर नहीं घर की सबसे ऊंची छत्त पर जाकर फोडि़ए। क्योंकि त्योहार तो एेसे ही मनाया जाता है। है ना? वैसे भी इस देश में सार्वजनिक स्थानों पर धूम्रपान पर रोक है लेकिन क्या धूम्रपान रुका? देश के कई राज्यों में शराब प्रतिबंधित है, लेकिन वहां चोरी छिपे शराब बिकने का सिलसिला थमा? कई प्रदेशों में शराब बिकने के लिए बाकायदा समय निर्धारित है, क्या कभी समय की पालना होती है? शराब-गुटखे-सिगरेट आदि सब के पैकेट या रैपर पर चेतावनी लिखी होती है क्या इनका सेवन करने वालों ने इसे गंभीरता से लिया ? तो यह कैसे संभव है कि पटाखों की बिक्री नहीं होगी? पटाखों पर कानून की डंडे से कड़ाई भले ही हो जाए लेकिन बिक्री के चोर रास्ते कभी बंद नहीं होंगे। दोस्तो, यह विषय सोचने, निर्णय लेने तथा आत्मसात करने का है। त्योहार का जश्न मनाइए लेकिन कुछ इस तरीके से कि किसी को भी कोई तकलीफ न हो। क्यों ना वृद्धाश्रम में किसी वृद्ध के आंसू पौंछे जाएं। क्यों ना किसी भूखे को भरपेट भोजन कराया जाए। क्यों ना अनाथ व यतीमों के बीच जाकर उनको अपनत्व का एहसास कराया जाए। क्यों ना किसी नंगे तन को कपड़े उपलब्ध करवाए जाएं। क्यों ना दिवाली पर पर्यावरण के नाम पर पौधे ही लगा दिए जाएं। और हां रेडिमेड रोशनी की लड़ियों से रोशनी की बजाय देसी घी का दीपक जरूर जलाएं लेकिन वह भी दिखावे व शान वाला नहीं, बल्कि प्रेम वाला हो। राग-द्वेष-ईष्र्या को दूर करने वाला। सद्भाव को बढ़ाने वाला हो। वैसे यह सब काम पटाखे फोडऩे से ज्यादा आसान हैं और अनुकरणीय भी। यह काम करने वाले बदले में दुआएं ही पाएंगे। तो आइए इस दिवाली पर कुछ इस तरह का काम करके नजीर पेश करें। सभी को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएं।
इति

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