Thursday, November 16, 2017

खामोश एफबी पेजों को भी मिल रहे हैं लाइक्स...

श्रीगंगानगर. 'हमने सदा कानून का सम्मान किया है। हालांकि हमारी बैक (अंग्रेजी में) में दर्द है फिर भी कानून की पालना करते हुए कोर्ट जरूर जाएंगे। हमें भगवान पर दृढ़ यकीन है। इसलिए सभी शांति बनाएं रखें।' यह वो मैसेज है जो 24 अगस्त को डेरामुखी की ओर से फेसबुक व ट्विटर पर पोस्ट किया गया था। यह अलग बात है कि इस मैसेज की पालना कितनी हुई तथा डेरा समर्थकों ने कितनी शांति बनाए रखी। हां इतना जरूर है कि जिस फेसबुक व ट्विटर अंकाउट से यह मैसेज पोस्ट किया गया था। वहां अब खामोशी है। 24 अगस्त के बाद से वहां से कोई अपडेट नहीं है। फेसबुक पर सेंट डॉ. एमएसजी के नाम से बने इस पेज को साढ़े सात लाख से ज्यादा लोग पसंद करते हैं। इधर, बाबा की कथित दत्तक पुत्री हनीप्रीत का फेसबुक पेज तो 15 अगस्त के बाद से ही अपडेट नहीं है। बढ़ रहे हैं एफबी
पेजों के लाइक्स
डेरा मुखी व हनीप्रीत के नाम से बने फेसबुक पेजों को लाइक्स करने वालों की संख्या बढ़ रही है। सेंट डॉ. एमएसजी के फेसबुक पेज पर शनिवार सुबह 11 बजे तक 7 लाख, 58 हजार 280 लाइक्स थे, जिनकी संख्या शाम साठ बजे बढ़कर 7 लाख, 58 हजार 420 हो गई। इसी तरह, हनीप्रीत इंसा के नाम से बने फेसबुक पेज के शनिवार सुबह 5 लाख 24 हजार 504 लाइक्स थे जो शाम साढे आठ बजे 5 लाख 25 हजार 060 हो गए।
आखिरी पोस्ट
पर हजारों लाइक्स-कमेंट्स
डेरा मुखी व हनीप्रीत के फेसबुक पेज आखिरी पोस्ट को हजारों लोगों ने न केवल लाइक्स किए बल्कि बड़ी संख्या में शेयर व कमेंटस भी किए गए हैं। डेरा मुखी के 24 अगस्त की आखिरी पोस्ट को 18 हजार लाइक्स मिले हैं। इस पोस्ट पर 9 हजार 854 कमेंट्स आए हैं जबकि इसको 3341 लोगों ने शेयर किया है। इसी तरह, हनीप्रीत के पेज पर 15 अगस्त की आखिरी पोस्ट को दो हजार लाइक्स मिले हैं। इस पोस्ट पर 683 कमेंट्स आए
हैं जबकि 119 लोगों ने शेयर
किया है।
बाबा का ट्विटर अकांउट सस्पेंड
24 अगस्त को डेरामुखी के ट्विटर अकाउंट डॉ. गुरमीत राम रहीम पर जो मैसेज पोस्ट किया था वह अकाउंट अब सस्पेंड कर दिया है। 24 अगस्त को यह अकाउंट सक्रिय था लेकिन अब यह बंद है। इंटरनेट पर सर्च करने पर इस अकाउंट को इंडिया में सस्पेंड कर दिया गया। इस अकाउंट के 38 लाख फालोअर्स थे लेकिन डेरामुखी को सजा के बाद इसमें दो लाख फालोअर्स कम हो गए। विदित रहे कि डेरे की तरफ से अभियान चलाकर डेरामुखी के ट्विटर का प्रचार-प्रसार किया गया था। डेरे की आईटी टीम की ओर से विभिन्न शहरों में शिविर लगाकर अकाउंट चलाने की जानकारी दी गई थी।

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राजस्थान पत्रिका श्रीगंगानगर संस्करण के 3 सितंबर 17 के अंक में प्रकाशित 

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