Tuesday, November 14, 2017

बस यादें बाकी-3

स्मृति शेष- विनोद खन्ना
बीच में व्यस्तता इतनी बढ़ी कि विनोद खन्ना की सीरिज ही गौण हो गई। चूंकि दो नंबर पोस्ट के नीेचे क्रमश: चस्पा कर रखा था, लिहाजा लिखना तो बनता ही है। फिल्मों के नामों के बाद अब बात विनोद खन्ना के कुछ चुनिंदा गीतों की। विनोद खन्ना के कई गीत तो इतने कालजयी और अमर हैं वो कभी भी सुनो दिलो-दिमाग को सुकून प्रदान करते हैं। एक गीत में वो गुनगुनाते हैं और चलते रहने की सीख देते हैं 'रुक जाना नहीं तू कहीं हार के...' लेकिन एक दूसरे गीत में वो जिंदगी से अंसतुष्ट दिखाई देते हैं गोया वो जिंदगी के फलसफे को जान चुके हैं। तभी तो गाते हैं' जिंदगी तो बेवफा है, एक दिन ठुकराएगी, मौत महबूबा संग लेकर जाएगी....।' वैसे विनोद खन्ना के गीतों में प्रेम व निराशा का दोनों ही दिखाई देेते हैं। एक तरफ वो 'हम तुम्हे चाहते हैं एेसे, मरने वाला कोई जिंदगी चाहता हो जैसे... ' गीत गाकर प्रेम को बुलंदी प्रदान करते हैं लेकिन दूसरे ही पल कोई साथी न मिलने का मलाल वो इस तरह जाहिर करते हैं 'कोई होता जिसको अपना हम कह लेते यारो...। ' इस गीत में देखिए, प्यार होने पर वो महबूबा से इजाजत मांगते हैं 'हमको तुमसे हो गया है प्यार बोलो तो जीएं बोलो तो मर जाएं.. ' और इधर तो एक सलाम से ही खुद को तसल्ली देते नजर आते हैं 'जाते हो जाने जाना, आखिर सलाम लेते जाना..। ' फिर अचानक वो कह उठते हैं ' आज फिर तुम पे प्यार आया है..। ' विनोद प्रेम के साथ-साथ अपने साथी से मदद के लिए भी कहते हैं, 'छेड़ मेरे हमराही गीत कोई एेसा..' तो ' जब कोई बात बिगड़ जाए, जब कोई मुश्किल पड़ जाए, तुम देना साथ मेरा..।' इतना ही नहीं एक दूसरे के बिना जीने व रहने की कल्पना भी नहीं करते तभी तो गाते हैं ' वादा करले साजना तेरे बिना मैं रहूं मेरे बिना तू ना रहे ..। ' वो टूटे दिल के साथ सावन को दोष देते नजर आते हैं ,जब गाते हैं 'लगी आज सावन की फिर वो झड़ी है..।' खैर इस तरह के सदाबहार गानों की फेहरिस्त बेहद लंबी है। बहुत लंबी। कल बात विनोद के कुछ खास डॉयलाग की।
क्रमश:......

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