Tuesday, November 14, 2017

सोच

लघुकथा
वह शाम को आफिस से थोड़ा जल्दी ही निकली थी। शाम को दोस्तों के साथ फिल्म देखने का प्लान जो था। फिल्म का समय होने को था। इसी जल्दबाजी में उसने पर्स से डियो निकाला कर फटाफट कपड़ों पर स्प्रे किया। इसके बाद क्रीम निकालकर चेहरे पर पोती। फिर उसने लिपिस्टिक निकालकर बड़े ही बेफिक्री वाले अंदाज में होठों पर फेरी। उसको यह सब करते देख गेट पर बैठे सुरक्षाकर्मी से रहा नहीं गया। उसके मुंह से न चाहते हुए भी निकल ही गया 'मैडम, घर जा रही हो या डांस में.' सुरक्षाकर्मी के मुंह से यह सुनकर युवती ने आंखें तरेरी और 'बकवास मत कर' कह कर फट से निकल गई। सुरक्षाकर्मी उसको देखकर अवाक सा रह गया। दरअसल, सुरक्षाकर्मी को युवती के प्लान की जानकारी नहीं थी। दोनों का वार्तालाप सुन रहा तीसरा शख्स जो अब तक खामोश था, वह भी सुरक्षाकर्मी की सोच पर मंद-मंद मुस्कुराने लगा था।

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